सेयर लगानी गर्नुअघि कम्पनीहरुको वित्तीय विवरण बुझ्नु अपरिहार्य हुन्छ। महत्वपूर्ण वित्तीय सूचकका आधारमा मात्रै सेयरमा लगानी थप्ने, पर्खने वा झिक्ने भन्नेबारे निर्णय गरिन्छ।
वित्तीय विवरण राम्ररी बुझेर मात्रै लगानी गर्नुपर्ने अनुभवी लगानीकर्ताको सुझाव छ। हाल सबै वाणिज्य बैंकहरुको तेस्रो त्रैमासिक वित्तीय विवरण सार्वजनिक भएको छ। तेस्रो त्रैमासिक वित्तीय विवरणका आधारमा १ वर्षकै विवरण अनुमान गर्न सकिन्छ।
कम्पनीले कति लाभांश दिन सक्छ ? कम्पनीमा केकस्ता जोखिम बढेका छन् ? कम्पनीको बजार मूल्य कतातिर जान्छ लगायतका विषय बुझ्न लगानीकर्तालाई वित्तीय विवरणले नै मार्ग प्रदान गर्छ।
सेयर लगानीकर्ता संघ नेपालका अध्यक्ष उत्तम अर्याल लगानीअघि कम्पनीको बिजेनस स्थिति, प्रतिसेयर आम्दानी (इपिएस), मूल्य आम्दानी अनुपात (पिई रेसियो)जस्ता आधारभूत पक्ष केलाउनुपर्ने बताउँछन्।
अर्का लगानीकर्ता पिताम्बर शर्मा खरेल पनि अर्यालको भनाइमा सहमत छन्। ‘मूल्य आम्दानी अनुपात २० भन्दा कम भएका बैंक नयाँ लगानीकर्ताका लागि उपयुक्त हुन्छन्। तर बैंकको बिजनेस पनि औसतभन्दा माथि बढेको राम्रो हुन्छ,’ उनले भने।
हेर्नस् बढ्दो बिजनेसः बिजनेस बढाउँदै लगेका कम्पनीको नाफा बढ्दै जाने संभावना हुन्छ। नाफाले नै अरु सूचकलाई पनि प्रभाव पार्ने भएकाले बिजनेस बढाउँदै लगेका कम्पनीहरु लगानीकर्ताले छनौट गर्नुपर्छ।
बैंकहरुको हकमा मर्ज र एक्वीजिसनका कारण पनि कतिपयको बिजनेस वृद्धिदर राम्रो देखिन्छ। बैंकहरुको मुख्य बिजनेस भनेकै कर्जा प्रवाह हो। सबैजसो बैंकहरुको कर्जा प्रवाह बढेको छ।
बैंक
|
कर्जा (चैत ०७७)
|
कर्जा (चैत ०७६)
|
कर्जा वृदिदर
|
एनआइसी एसिया
|
२ खर्ब ५९ अर्ब
|
१ खर्ब ७५ अर्ब
|
४८
|
ग्लोबल आइएमई
|
२ खर्ब ३३ अर्ब
|
२ खर्ब १ अर्ब
|
१५
|
नबिल
|
१ खर्ब ९४ अर्ब
|
१ खर्ब ५५ अर्ब
|
२५
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
१ खर्ब ७९ अर्ब
|
१ खर्ब ५२ अर्ब
|
१७
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
१ खर्ब ६० अर्ब
|
१ खर्ब ४३ अर्ब
|
११
|
सिद्धार्थ
|
१ खर्ब ५८ अर्ब
|
१ खर्ब २८ अर्ब
|
२३
|
एनएमबि
|
१ खर्ब ५३ अर्ब
|
१ खर्ब २० अर्ब
|
२७
|
कृषि विकास
|
१ खर्ब ४६ अर्ब
|
१ खर्ब २३ अर्ब
|
१८
|
प्रभु
|
१ खर्ब ४२ अर्ब
|
१ खर्ब २ अर्ब
|
३९
|
मेगा
|
१ खर्ब ३७ अर्ब
|
८२ अर्ब
|
६७
|
कुमारी
|
१ खर्ब ३४ अर्ब
|
९२ अर्ब
|
४५
|
प्राइम
|
१ खर्ब ३३ अर्ब
|
१ खर्ब १५ अर्ब
|
१५
|
नेपाल
|
१ खर्ब ३३ अर्ब
|
१ खर्ब ५ अर्ब
|
२६
|
एभरेष्ट
|
१ खर्ब २७ अर्ब
|
१ खर्ब २० अर्ब
|
५
|
हिमालयन
|
१ खर्ब २७ अर्ब
|
१ खर्ब १० अर्ब
|
१५
|
सानिमा
|
१ खर्ब १७ अर्ब
|
९४ अर्ब
|
२४
|
माछापुच्छ्रे
|
१ खर्ब १६ अर्ब
|
९४ अर्ब
|
२३
|
सिटिजन्स
|
१ खर्ब १२ अर्ब
|
७६ अर्ब
|
४७
|
लक्ष्मी
|
१ खर्ब ६ अर्ब
|
९२ अर्ब
|
१५
|
नेपाल एसबिआई
|
१ खर्ब २ अर्ब
|
१ खर्ब
|
२
|
बिओके
|
९६ अर्ब
|
८२ अर्ब
|
१७
|
सनराइज
|
९५ अर्ब
|
८२ अर्ब
|
१५
|
एनसिसी
|
९२ अर्ब
|
६८ अर्ब
|
३५
|
सिभिल
|
८१ अर्ब
|
५२ अर्ब
|
५५
|
सेन्चुरी
|
७५ अर्ब
|
६० अर्ब
|
२५
|
नेपाल बंगलादेश
|
६९ अर्ब
|
६१ अर्ब
|
१३
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
६५ अर्ब
|
६० अर्ब
|
८
|
प्रतिसेयर आम्दानीः एक कित्ता सेयरबराबर कम्पनीले आर्जन गरेको आम्दानीलाई प्रतिसेयर आम्दानीले जनाउँछ।
कतिपय कम्पनीको नाफा बढी देखिए पनि प्रतिसेयर आम्दानी कम हुन सक्छ। कम्पनीको जारी सेयर संख्याले प्रतिसेयर आम्दानीलाई असर पार्छ। तसर्थ नाफाभन्दा पनि प्रतिसेयर आम्दानी लगानीकर्ताका लागि महत्वपूर्ण हुन्छ।
प्रतिसेयर आम्दानीकै आधारमा आगामी दिनमा कम्पनीले कति लाभांश दिन सक्ला भन्ने अनुमान पनि गर्न सकिन्छ।
बैंक
|
प्रतिसेयर आम्दानी चैत ०७७
|
प्रतिसेयर आम्दानी असार ०७७
|
एनआइसी एसिया
|
३४.८७
|
३४.६८
|
ग्लोबल आइएमई
|
२२.०५
|
१८.९९
|
नबिल
|
३६.६३
|
४५.७४
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
४७.४७
|
४४.९६
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
२३.४७
|
२३.३८
|
सिद्धार्थ
|
२५. २८
|
१६.४६
|
एनएमबि
|
२०.६४
|
११.६७
|
कृषि विकास
|
२२. १९
|
२१.८४
|
प्रभु
|
२४. ७९
|
१९.८९
|
मेगा
|
१८.१९
|
१८.८३
|
कुमारी
|
१७.३७
|
१४.१३
|
प्राइम
|
२३.३६
|
१९.३६
|
नेपाल
|
२३.८७
|
२७.१३
|
एभरेष्ट
|
२२.६०
|
३७.०३
|
हिमालयन
|
१६.०६
|
३२.९६
|
सानिमा
|
२५.७३
|
२४.७७
|
माछापुच्छ्रे
|
१९.०१
|
१७.१९
|
सिटिजन्स
|
१५. ५४
|
७.९८
|
लक्ष्मी
|
१६.०६
|
१४.८१
|
नेपाल एसबिआई
|
१२.३४
|
२१.४१
|
बिओके
|
१६.१४
|
१३.६३
|
सनराइज
|
१५.८८
|
१३.९१
|
एनसिसी
|
१४.२३
|
१५.०७
|
सिभिल
|
५.८१
|
४.५०
|
सेन्चुरी
|
५.२९
|
१४.५१
|
नेपाल बंगलादेश
|
२४.९७
|
१६.१६
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
१८.४१
|
३०
|
मूल्य आम्दानी अनुपात (पिई रेसियो)- सेयरको बजार मूल्यलाई प्रतिसेयर आम्दानीले भाग गरेर मूल्य आम्दानी अनुपात (पिई) रेसियो निकालिन्छ। पिई रेसियो जति कम हुन्छ, त्यति राम्रो मानिन्छ।
यसलाई उदाहरणबाट बुझौं, वार्षिक १ रुपैयाँ लाभांशका लागि २० रुपैयाँ लगानी गर्ने कि २५ रुपैयाँ ? २० रुपैयाँ लगानी गरेर बाँकी ५ रुपैयाँ बचत गर्न वा अन्यन्त्र लगानीका लागि स्रोत जुटाउन सकिने भयो। यसैलाई पिइ रेसियोले जनाउँछ।
यस्तो अनुपात २० भन्दा कम राम्रो मानिन्छ। तर अन्य सूचक अझै राम्रो भएको खण्डमा २० भन्दा केही माथि हुँदा पनि रोजाइमा पर्न सक्छन्।
बैंक
|
बजार मूल्य
|
मूल्य आम्दानी अनुपात
|
एनआइसी एसिया
|
८९७
|
२५.८
|
ग्लोबल आइएमई
|
४२७
|
१९.३
|
नबिल
|
१२७०
|
३४.६
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
|
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
४४७
|
१९.०
|
सिद्धार्थ
|
४२१
|
१६.६
|
एनएमबि
|
४१४
|
२०
|
कृषि विकास
|
४१९
|
१८.८
|
प्रभु
|
४३३
|
१७.४
|
मेगा
|
३०३
|
१६.६
|
कुमारी
|
३१४
|
१८
|
प्राइम
|
४२९
|
१८.३
|
नेपाल
|
४१७
|
१७.४
|
एभरेष्ट
|
७२९
|
३२.२
|
हिमालयन
|
४९२
|
३०.६
|
सानिमा
|
३९४
|
१५.३
|
माछापुच्छ्रे
|
३०५
|
१६
|
सिटिजन्स
|
३०९
|
१९.८
|
लक्ष्मी
|
२९३
|
१८.२
|
नेपाल एसबिआई
|
३९७
|
३२.१
|
बिओके
|
३०३
|
१८.७
|
सनराइज
|
३०२
|
१९
|
एनसिसी
|
३५२
|
२४.७
|
सिभिल
|
२२९
|
३९
|
सेन्चुरी
|
२३३
|
४४
|
नेपाल बंगलादेश
|
३७९
|
१५.१
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
५८०
|
३१.५
|
निष्क्रिय कर्जाः निष्क्रिय कर्जाले बैंकको सुशासनलाई पनि जनाउँछ। बैंकले प्रवाह गरेको कुल कर्जामा नियमित रुपमा उठ्न नसकेको साँवा तथा ब्याजको हिस्सालाई निष्क्रिय कर्जाले जनाउँछ।
निष्क्रिय कर्जा धेरै हुनु भनेको बैंकले दिएको धेरै ऋण उठाउन नसक्नु हो। नउठ्ने यस्तो ऋण बढ्दै जाँदा प्रोभिजनवापत धेरै रकम छुट्याउनुपर्छ, जसले आगामी दिनमा नाफा खुम्चिन सक्छ। तसर्थ निष्क्रिय कर्जा घटाउँदै लगेका बैंकहरु छनौटका लागि राम्रा मानिन्छ।
बैंक
|
निष्क्रिय कर्जा चैत ०७७
|
निष्क्रिय कर्जा असार ०७७
|
एनआइसी एसिया
|
०.४७
|
०.७५
|
ग्लोबल आइएमई
|
१.६१
|
१.१४
|
नबिल
|
०.४८
|
०.६३
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
३.६२
|
४.६४
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
२.३२
|
२.६७
|
सिद्धार्थ
|
०.८८
|
२.२४
|
एनएमबि
|
१.९७
|
२.४८
|
कृषि विकास
|
३.०८
|
३.६५
|
प्रभु
|
१.४८
|
२.९५
|
मेगा
|
१.३१
|
१.३२
|
कुमारी
|
१.०९
|
०.९८
|
प्राइम
|
०.८६
|
०.९७
|
नेपाल
|
२.२९
|
२.६४
|
एभरेष्ट
|
०.१२
|
०.२०
|
हिमालयन
|
०.८१
|
१.११
|
सानिमा
|
०.२१
|
०.३६
|
माछापुच्छ्रे
|
०.५१
|
०.४५
|
सिटिजन्स
|
१.८३
|
०.९७
|
लक्ष्मी
|
०.७१
|
१.७८
|
नेपाल एसबिआई
|
०.२३
|
०.१९
|
बिओके
|
१.०१
|
१.५३
|
सनराइज
|
१.९४
|
१.३२
|
एनसिसी
|
२.०५
|
२.७५
|
सिभिल
|
१.१३
|
२.९६
|
सेन्चुरी
|
२.९६
|
२.१९
|
नेपाल बंगलादेश
|
१.९१
|
२.७६
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
०.५०
|
०.२२
|
रिटर्न अन इक्वीटी (आरओई) : बैंकको कुल खुद कमाइबाट दायित्व चुक्ता गरी सेयरवापतको लगानीलाई दिन सक्ने औसत प्रतिफललाई आरओईले जनाउँछ। आरओई जति धेरै भयो उति राम्रो।
बैंक
|
आरओई चैत ०७७
|
आरओइ असार ०७७
|
एनआइसी एसिया
|
२३.२६
|
२२.६४
|
ग्लोबल आइएमई
|
१६.६६
|
१३.७९
|
नबिल
|
१७.९५
|
१८.५६
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
१८.५२
|
२०.२५
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
१३.८०
|
१३.४८
|
सिद्धार्थ
|
१४.०२
|
१५.४१
|
एनएमबि
|
१५.८२
|
९.१२
|
कृषि विकास
|
९.७०
|
१०.३२
|
प्रभु
|
१८.४६
|
१४.०२
|
मेगा
|
१४.६६
|
११.६८
|
कुमारी
|
१४.१९
|
८.३१
|
प्राइम
|
१८.२०
|
१४.६४
|
नेपाल
|
९.४६
|
९.५०
|
एभरेष्ट
|
१०.३१
|
१९.२६
|
हिमालयन
|
१०.०५
|
२०.२३
|
सानिमा
|
१९.७३
|
१९.२७
|
माछापुच्छ्रे
|
१५.२०
|
१४.९३
|
सिटिजन्स
|
१३.२२
|
११.८०
|
लक्ष्मी
|
११.४७
|
११.२८
|
नेपाल एसबिआई
|
८.१२
|
१४.३७
|
बिओके
|
१०.५३
|
८.६८
|
सनराइज
|
११.३१
|
१०.०१
|
एनसिसी
|
११.१६
|
१२.९६
|
सिभिल
|
६.५९
|
४.९०
|
सेन्चुरी
|
४.६४
|
१२.६५
|
नेपाल बंगलादेश
|
१६.४७
|
११.०८
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
१०.६३
|
१८.०७
|
सिसिडी रेसियोः यो सेयरधनीका लागि धेरै चासोको विषय हुनु नपर्ने भए पनि पछिल्ला दिनमा कतिपय बैंक थप ऋण दिन नसक्ने अवस्थामा छन्। सिसिडी रेसियोको अधिकतम सिमा ८५ प्रतिशत तोकिएको छ।
यसको अर्थ बैंकले मुल पुँजी र निक्षेपबाट ८५ प्रतिशतसम्म मात्रै कर्जा प्रवाह गर्न सक्छ। सिसिडी रेसियो ८५ को सीमानजिक हुनु भनेको निक्षेप नआएमा थप ऋण दिन नसक्नु हो। तसर्थ सिसिडी रेसियोले बिजनेस बढाउन कुन बैंकसँग स्रोत छ भन्ने कुरालाई जनाउँछ।
बैंक
|
सिसिडी रेसियो चैत ०७७
|
सिसिडी असार ०७७
|
एनआइसी एसिया
|
८४.२१
|
७८.१८
|
ग्लोबल आइएमई
|
७६.५४
|
७९.६९
|
नबिल
|
८०.८०
|
७८.८८
|
राष्ट्रिय वाणिज्य
|
६८.२३
|
७०.०५
|
इन्भेष्टमेन्ट
|
७९.०५
|
७५.३५
|
सिद्धार्थ
|
७८. ०१
|
७८.७७
|
एनएमबि
|
८१.०९
|
७६.१६
|
कृषि विकास
|
७९.९२
|
७०.७७
|
प्रभु
|
७४.४२
|
७३.७४
|
मेगा
|
८३.५४
|
७७.४८
|
कुमारी
|
८१.२३
|
७९.८०
|
प्राइम
|
८२.३१
|
७६.५५
|
नेपाल
|
७५.५५
|
७३.६५
|
एभरेष्ट
|
७०.०५
|
७५.०५
|
हिमालयन
|
७८.९९
|
७६.०८
|
सानिमा
|
८२.७९
|
७८.६४
|
माछापुच्छ्रे
|
८०. ३९
|
७७. ६५
|
सिटिजन्स
|
७८.१३
|
७८.७८
|
लक्ष्मी
|
७८.५१
|
७५.१३
|
नेपाल एसबिआई
|
७६.९८
|
७५.६५
|
बिओके
|
८१.२२
|
७७.५४
|
सनराइज
|
७८.६३
|
७६.३७
|
एनसिसी
|
७७.६८
|
७६.९६
|
सिभिल
|
८०.३
|
७७.७
|
सेन्चुरी
|
७६.२५
|
७७.८९
|
नेपाल बंगलादेश
|
७९.०५
|
७५.३५
|
स्टान्डर्ड चार्टड
|
७४.६५
|
७७.४७
|